शुगर हो या ज़ीरो शुगर — दोनों ही लिवर को नुकसान

एक बड़े ब्रिटिश अध्ययन में पाया गया कि शक्कर वाले पेय (SSBs) और कृत्रिम रूप से मीठे किए गए पेय (डाइट या “ज़ीरो शुगर” ड्रिंक्स) दोनों ही मेटाबॉलिक डिसफंक्शन-असोसिएटेड स्टीटो‍टिक लिवर डिजीज़ (MASLD) यानी फैटी लिवर रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं।

1.2 लाख से अधिक वयस्कों पर किए गए लंबे अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रोज़ाना अधिक मात्रा में ऐसे पेय पीते हैं, उनमें लिवर में वसा जमा होने और लिवर रोग विकसित होने का खतरा 50–60% तक अधिक है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि शक्कर वाले पेय इंसुलिन रेज़िस्टेंस, ग्लूकोज़ स्पाइक और वज़न बढ़ने के कारण लिवर में वसा जमा करते हैं। वहीं, कृत्रिम मिठास वाले पेय आंतों के माइक्रोबायोम को प्रभावित कर सकते हैं और शरीर के प्राकृतिक भूख-संतुलन को बिगाड़ते हैं, जिससे मेटाबॉलिक गड़बड़ी बढ़ती है।

इन दोनों प्रकार के पेयों के सेवन से लिवर से संबंधित मृत्यु का खतरा भी बढ़ता देखा गया। जिन लोगों ने शक्कर वाले पेयों की जगह सादा पानी पिया, उनमें MASLD का जोखिम लगभग 15% कम पाया गया, लेकिन डाइट ड्रिंक से यह लाभ नहीं मिला।

विशेषज्ञों का कहना है कि स्वस्थ लिवर के लिए लोगों को दोनों प्रकार के मीठे पेयों से परहेज़ कर सादा पानी पीना चाहिए। यह न केवल लिवर बल्कि पूरे शरीर के मेटाबॉलिक स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है।