केरल में अमीबिक मेनिन्जोएन्सेफलाइटिस के मामले बढ़ रहे हैं

केरल में प्राइमरी अमीबिक मेनिन्जोएन्सेफलाइटिस (PAM) का प्रकोप देखा जा रहा है, जो एक दुर्लभ और अक्सर घातक मस्तिष्क संक्रमण है। यह संक्रमण Naegleria fowleri नामक अमीबा के कारण होता है। 23 सितंबर 2025 तक, राज्य में 80 पुष्टि किए गए मामले और 21 मौतें दर्ज की गई हैं। मामलों में वृद्धि का कारण बेहतर निगरानी और निदान प्रयास भी हैं, और स्वास्थ्य अधिकारी हर एन्सेफलाइटिस केस की जांच कर रहे हैं।

संक्रमण और इसका प्रसार

Naegleria fowleri एक फ्री-लिविंग अमीबा है, जो गर्म और स्थिर पानी वाले स्रोतों जैसे तालाब, झील या अप्राकृतिक स्वीमिंग पूल में पाया जाता है। यह संक्रमण आमतौर पर तब होता है जब संक्रमित पानी नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है, जैसे कि तैराकी या स्नान करते समय। एक बार शरीर में पहुंचने के बाद, यह अमीबा मस्तिष्क में जाकर तेज़ और गंभीर नुकसान करता है।

रोकथाम और जागरूकता

स्वास्थ्य विशेषज्ञ संक्रमण से बचाव के उपायों पर जोर दे रहे हैं। इनमें गर्म और अप्राकृतिक पानी में तैराकी न करना, पानी से संबंधित गतिविधियों के दौरान नाक क्लिप का उपयोग करना, और नाक से पानी का संपर्क होने पर उबालकर या स्टरलाइज किया गया पानी इस्तेमाल करना शामिल है। प्रारंभिक लक्षणों में सिरदर्द, बुखार, मतली और गर्दन में अकड़न शामिल हैं। तुरंत चिकित्सा सहायता लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

सरकारी प्रतिक्रिया और समुदाय सहभागिता

इस प्रकोप के जवाब में, केरल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने पीसीआर टेस्ट सहित माइक्रोबायोलॉजी लैब स्थापित किए हैं। 2024 में शुरुआती पहचान, उपचार और रोकथाम के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए थे। सार्वजनिक शिक्षा और पानी के स्रोतों की निगरानी को भी प्राथमिकता दी जा रही है।