अमेरिका ने एचआईवी रोकथाम के लिए एक नई दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने घोषणा की है कि लेनाकापाविर (Lenacapavir) नामक नई एंटीरेट्रोवायरल दवा में निवेश किया जाएगा। इसका उद्देश्य 2028 तक लगभग 20 लाख लोगों तक यह दवा पहुँचाना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम एचआईवी संक्रमण की रोकथाम में क्रांतिकारी साबित हो सकता है।
लेनाकापाविर के क्लिनिकल ट्रायल्स ने दिखाया है कि यह दवा साल में केवल दो बार इंजेक्शन के रूप में दी जाती है और यह एचआईवी संक्रमण से लगभग पूरी तरह सुरक्षा प्रदान कर सकती है। खासकर उन लोगों के लिए जो संक्रमण के उच्च जोखिम में हैं और माँ से बच्चे में संक्रमण रोकने में यह दवा अहम भूमिका निभाएगी।
यह पहल अमेरिका के पेपफार (PEPFAR – प्रेसिडेंट्स इमरजेंसी प्लान फॉर एड्स रिलीफ) कार्यक्रम और ग्लोबल फंड के सहयोग से की जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस दवा का सही तरीके से उपयोग हुआ, तो हर साल होने वाले 13 लाख नए संक्रमणों में बड़ी कमी आ सकती है। इसके साथ ही, भविष्य में स्वास्थ्य तंत्र पर पड़ने वाले बोझ को भी कम किया जा सकेगा।
लेनाकापाविर अभी महँगी दवा है, लेकिन गिलियड साइंसेज़ (Gilead Sciences) कंपनी ने इसे लागत मूल्य पर उपलब्ध कराने का वादा किया है। इसके अलावा, छह जेनेरिक कंपनियों को दवा बनाने का लाइसेंस दिया गया है, जिससे 2027 तक इसका सस्ता संस्करण भी उपलब्ध हो सकता है। इस पहल ने एचआईवी/एड्स से जूझ रहे देशों में नई उम्मीद जगाई है।