
31 जुलाई तक, हरियाणा में डेंगू के 112 मामलों की पुष्टि हुई है, जिसमें गुरुग्राम में सबसे अधिक 24 मामले दर्ज किए गए। रेवाड़ी, पंचकूला, करनाल और झज्जर में भी उल्लेखनीय गतिविधि देखी गई।
राज्य ने मार्च 2027 तक सभी मच्छरजनित रोगों को अधिसूचित रोग घोषित किया है। उठाए गए उपायों में 27 डेंगू परीक्षण प्रयोगशालाएं स्थापित करना, सरकारी अस्पतालों में मुफ्त प्लेटलेट्स देना, तीव्र फॉगिंग, लार्वा नियंत्रण और मच्छर खाने वाली मछलियों का उपयोग शामिल है। इसके अलावा, जुलाई को “एंटी-डेंगू माह” घोषित किया गया, जिसमें घरों में सफाई के लिए “ड्राई डे” मनाने को प्रोत्साहित किया गया।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अब तक की सक्रिय कार्रवाई से मृत्यु नहीं हुई है, लेकिन मानसून के दौरान मामलों में वृद्धि की आशंका है, इसलिए सामुदायिक भागीदारी जारी रहनी चाहिए।