वृद्ध मोतियाबिंद रोगियों के बीच बीमा का अभाव बना हुआ है

आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और ओडिशा में किए गए 38,387 मोतियाबिंद ऑपरेशनों के अध्ययन में पाया गया कि 70+ आयु वर्ग के केवल 16.07% मरीजों के पास बीमा था। 90 वर्ष से ऊपर वालों में यह आंकड़ा 7.14% तक गिर गया। वृद्ध महिलाओं में बीमा कवरेज पुरुषों की तुलना में कम था।

2018–2022 के बीच बीमा कवरेज 2011–2017 की तुलना में बढ़कर 20.61% हुआ, जिसका श्रेय आयुष्मान भारत सुधारों को दिया जा रहा है। बीमा प्राप्त बुजुर्गों में सफल दृष्टि परिणामों की संभावना 1.38 गुना अधिक थी।

हालांकि, असमानताएं बनी रहीं: सरकारी बीमा वाले मरीजों को अधिक इंतजार करना पड़ा और उन्हें आधुनिक लेंस मिलने की संभावना कम थी। विशेषज्ञों का कहना है कि वृद्धजनों की नेत्र देखभाल में समानता लाने के लिए बीमा नीतियों में सुधार जरूरी है।