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केंद्रीय सरकार की स्वास्थ्य योजना (CGHS) ने अब इन-पेशेंट और आउट-पेशेंट दोनों दावों के लिए जियोटैग की गई तस्वीरों को अपलोड करना अनिवार्य कर दिया है। इस बदलाव का उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना और दावे की प्रक्रिया को सरल बनाना है। संक्रमण को आसान बनाने के लिए एक बार की छूट दी जा रही है।
दावा राशि प्राप्त करने के लिए अस्पतालों को जियोटैग्ड फोटो अपलोड करना अनिवार्य होगा; अनुपालन न करने पर दावा अस्वीकृत किया जा सकता है। दिशा-निर्देशों में उपयुक्त फोटो कैसे लें, इसकी विस्तृत जानकारी भी दी गई है।
अधिकारियों का मानना है कि यह कदम पारदर्शिता बढ़ाएगा, मैन्युअल त्रुटियों को कम करेगा, और निपटान को तेज करेगा — जिससे लाभार्थियों और प्रदाताओं दोनों को मदद मिलेगी।