
कर्मचारी की कमी और डॉक्टरों के कथित कदाचार को लेकर दायर एक जनहित याचिका (PIL) पर झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव और राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) के निदेशक को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया है। याचिका में अस्पताल के विभिन्न विभागों में खाली पदों और कुछ डॉक्टरों द्वारा नियमों के खिलाफ निजी प्रैक्टिस करने की बात कही गई है।
इन व्यवस्थागत कमियों का असर RIMS में रोगी सेवाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर पड़ रहा है। अदालत ने अगली सुनवाई में इस संबंध में विस्तृत विवरण और प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
जनस्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि खाली पदों को भरना और व्यावसायिक आचरण के मानकों को लागू करना RIMS जैसे शीर्ष संस्थान में नैतिक और गुणवत्ता युक्त चिकित्सा सेवा बनाए रखने के लिए आवश्यक है।