
जुलाई 2025 तक, गुजरात में सिकल सेल रोग के 28,178 मरीजों की पहचान हुई है, जो ओडिशा और मध्य प्रदेश के बाद देश में तीसरे स्थान पर है। इन मरीजों में लगभग 90% अनुसूचित जनजातियों से हैं, जिनमें संवेदनशील जनजातीय समूह भी शामिल हैं। इन्हें राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन के अंतर्गत जेनेटिक काउंसलिंग और पोषण सहायता प्रदान की जा रही है। इस मिशन के तहत देशभर में 77 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।
गंभीर रोग भार को देखते हुए, गुजरात सरकार जनजातीय समुदायों को ध्यान में रखते हुए जेनेटिक प्रोफाइलिंग कार्यक्रम, प्रसवपूर्व जांच और जागरूकता अभियानों को लागू कर रही है। इन पहलों का उद्देश्य रोग की जटिलताओं को कम करना और रोकथाम रणनीतियों को बढ़ावा देना है।
स्वास्थ्य अधिकारी कहते हैं कि लक्षित पहुंच और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त परामर्श के माध्यम से एनीमिया संकट और दर्द की घटनाओं को घटाया जा सकता है, जिससे जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और अस्पताल में भर्ती कम हो सकते हैं।