पंजाब भूजल में यूरेनियम प्रदूषण पर एनएचआरसी ने जांच शुरू की

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक जांच में खुलासा हुआ कि पंजाब में 32.6% भूजल नमूनों में यूरेनियम की मात्रा सुरक्षित सीमा से अधिक है। इसके बाद पंजाब राज्य और चंडीगढ़ मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्रीय भूजल बोर्ड (CGWB) से इस संदर्भ में एक व्यापक रिपोर्ट मांगी है।

प्रदूषक तत्व—यूरेनियम, फ्लोराइड, नाइट्रेट और आर्सेनिक—दीर्घकालिक बीमारियों जैसे कि किडनी डैमेज, बांझपन और कैंसर से जुड़े हुए हैं।

इस विषय पर राजनीतिक और विशेषज्ञ स्तर पर चिंता बढ़ गई है, जिससे संसद में भी चर्चा हुई। CGWB को 25 सितंबर तक रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा दी गई है। रिपोर्ट में नीति स्तर पर तात्कालिक कार्रवाई की मांग की गई है: कुओं का विनियमन, समुदाय में जागरूकता, और सुरक्षित पेयजल के लिए उपाय।

जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में नियमित निगरानी और परीक्षण की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है। दीर्घकालिक समाधान में पाइपलाइन से जलापूर्ति का विस्तार, फिल्ट्रेशन सिस्टम की स्थापना और प्रभावित आबादी के लिए स्वास्थ्य परीक्षण शामिल हैं।