मोटापे की इंजेक्शन क्लीनिकल ट्रायल्स के बाहर कम प्रभावी: अध्ययन में हुआ खुलासा

क्लिवलैंड क्लिनिक द्वारा किए गए एक हालिया अध्ययन से पता चला है कि सेमाग्लूटाइड (Ozempic/Wegovy) और टिर्जेपाटाइड (Mounjaro/Zepbound) जैसी लोकप्रिय मोटापा-नियंत्रण इंजेक्शन, क्लीनिकल ट्रायल्स की तुलना में वास्तविक जीवन में कम वजन घटाने में सहायक साबित हो रही हैं।
Obesity Journal में प्रकाशित इस शोध में लगभग 8,000 गंभीर मोटापे से ग्रस्त मरीजों का विश्लेषण किया गया और पाया गया कि जल्दी इलाज छोड़ देना, अनुशंसित मात्रा से कम डोज़ लेना, और फॉलो-अप की कमी जैसे कारणों से इनके प्रभाव में कमी आ रही है। जहां ट्रायल प्रतिभागियों ने 15–20% तक वजन घटाया, वहीं आम मरीजों का औसतन वजन केवल 2.2% तक कम हुआ, वह भी 72 सप्ताह में। साथ ही केवल हर तीन में से एक मरीज ही 5% या अधिक वजन कम कर सका।

विशेषज्ञों का मानना है कि ये दवाएं आशाजनक ज़रूर हैं, लेकिन इनके सफल परिणाम के लिए निरंतर चिकित्सकीय निगरानी, सही डोज़ और जीवनशैली में बदलाव ज़रूरी हैं। बिना नियमित देखरेख और व्यवहारिक मार्गदर्शन के, क्लीनिकल ट्रायल्स जैसे लाभ वास्तविक जीवन में पाना मुश्किल है।
अध्ययन यह भी दर्शाता है कि मोटापे के इलाज के लिए केवल दवा ही पर्याप्त नहीं, बल्कि आहार, व्यायाम और लंबे समय तक निगरानी का समावेश ज़रूरी है।
सिर्फ इंजेक्शन देना और कोई समर्थन न देना, मरीजों को निराश कर सकता है और वे इलाज अधूरा छोड़ सकते हैं।