भूटान का लक्ष्य: संयुक्त प्रयासों के माध्यम से स्वास्थ्य प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना

सुपरबग्स, जिन्हें एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी बैक्टीरिया भी कहा जाता है, सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बन चुके हैं, क्योंकि ये बैक्टीरिया सबसे शक्तिशाली दवाओं के खिलाफ भी प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर चुके हैं। हाल ही में टेक्सास A&M विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक संभावित बड़ी खोज की है। उन्होंने पाया कि हल्दी में पाया जाने वाला प्रमुख घटक कर्क्यूमिन इन सुपरबग्स के खिलाफ प्रभावी हो सकता है। इस तकनीक में कर्क्यूमिन को बैक्टीरिया के लिए भोजन के रूप में दिया जाता है और फिर प्रकाश (लाइट) की मदद से इसे सक्रिय किया जाता है। इस पद्धति को फोटोडायनामिक इनएक्टिवेशन कहा जाता है। यह तकनीक बैक्टीरिया की प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देती है, जिससे पारंपरिक एंटीबायोटिक दवाएं फिर से प्रभावशाली बन जाती हैं। आजकल MRSA जैसी दवा-प्रतिरोधी न्यूमोनिया और अन्य संक्रमणों का इलाज करना कठिन होता जा रहा है। ऐसे में, कर्क्यूमिन और प्रकाश के संयोजन से एक प्रभावशाली और वैकल्पिक इलाज का रास्ता खुलता है।यह नई रणनीति दवा-प्रतिरोधी रोगों के खिलाफ लड़ाई में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि यह बैक्टीरिया की विविधता को कम करने और एंटीबायोटिक दवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाने में मदद करती है।