
ट्रंप प्रशासन का कार्यकारी आदेश अमेरिका में प्रिस्क्रिप्शन दवाओं की कीमतों को 80% तक कम करने के उद्देश्य से “मोस्ट फेवर्ड नेशन” (MFN) नीति लागू करता है, जो दवाओं की कीमतों को अन्य विकसित देशों की कीमतों से जोड़ता है। इस फैसले से वैश्विक फार्मा बाजार में हलचल मच गई है, लेकिन भारतीय दवा निर्माता इससे काफी हद तक अप्रभावित हैं। इसका कारण यह है कि यह नीति महंगी, पेटेंट दवाओं पर केंद्रित है, जबकि भारतीय कंपनियां मुख्य रूप से सस्ती जेनेरिक दवाएं निर्यात करती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय जेनेरिक दवाएं पहले से ही वैश्विक प्रतिस्पर्धा के चलते कम कीमत पर उपलब्ध हैं। मार्च से अमेरिकी टैरिफ को लेकर चिंता थी, लेकिन फिलहाल भारतीय फार्मा पर इसका असर नहीं पड़ेगा।