2 साल के बच्चे में उन्नत उपचार से भारत में थैलेसीमिया के प्रबंधन में क्रांति आ सकती है

एक बच्चे को छह महीने की उम्र में बीटा थैलेसीमिया मेजर नामक एक गंभीर आनुवंशिक रक्त विकार का पता चला — यह ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर पर्याप्त स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं बनाने में असमर्थ होता है। इस बीमारी के कारण जीवनभर नियमित रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है और यदि समय पर सही इलाज न मिले तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकती है। जब परिवार को यह पता चला कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही एकमात्र इलाज है, तो वे बहुत दुखी हुए। सौभाग्य से, बच्चे को एक विशेष बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया और अब वह थैलेसीमिया से मुक्त है। इस चिकित्सा उपलब्धि ने बच्चे को नया जीवन दिया और परिवार को अत्यंत राहत प्रदान की। यह मामला भारत में थैलेसीमिया से पीड़ित कई बच्चों के लिए आशा की किरण है, जो प्रारंभिक हस्तक्षेप और उन्नत चिकित्सा उपचार की परिवर्तनकारी शक्ति को दर्शाता है।